The Single Best Strategy To Use For sidh kunjika



नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.

ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम get more info परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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